Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Dec 2023 · 1 min read

* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *

* दिल के दायरे मे तस्वीर बना दो तुम *
******************************

शब्दों की सुंदर तहरीर बना दो तुम,
हासिल हो मंजिल तदबीर बना दो तुम।

हाथों में बंधी बेड़ी खुली नहीं है,
बिगड़ी जो मेरी तकदीर् बना दो तुम।

हर दर पर बेदर सा पर कभी न हारूँ,
दुश्मन जो काटे शमशीर बना दो तुम।

आगे पीछे फिरता मन तेरे ख्यालों में,
दिल के दायरे में तस्वीर बना तो तुम।

उड़ता ही जाऊं आकाश जो खुला हो,
जड़ को झट बाँधे जंजीर बना दो तुम

मनसीरत ने जंग मे पीठ ना दिखाई,
हारे ना रण में बलवीर बना दो तुम।
***************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
'अ' अनार से
'अ' अनार से
Dr. Kishan tandon kranti
भगवावस्त्र
भगवावस्त्र
Dr Parveen Thakur
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
#दुर्दिन_हैं_सन्निकट_तुम्हारे
संजीव शुक्ल 'सचिन'
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
!! हे उमां सुनो !!
!! हे उमां सुनो !!
Chunnu Lal Gupta
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
*गूॅंजती जयकार से मॉं, यह धरा-आकाश है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कुदरत
कुदरत
manisha
नसीब में था अकेलापन,
नसीब में था अकेलापन,
Umender kumar
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मजबूरी तो नहीं
मजबूरी तो नहीं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
प्रेम
प्रेम
Dr. Shailendra Kumar Gupta
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष कविता:-
*Author प्रणय प्रभात*
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
மழையின் சத்தத்தில்
மழையின் சத்தத்தில்
Otteri Selvakumar
एक ख़्वाहिश
एक ख़्वाहिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
ख़ान इशरत परवेज़
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
ruby kumari
फूल
फूल
Punam Pande
कया बताएं 'गालिब'
कया बताएं 'गालिब'
Mr.Aksharjeet
,,,,,,
,,,,,,
शेखर सिंह
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
अल्प इस जीवन में
अल्प इस जीवन में
Dr fauzia Naseem shad
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरी तो धड़कनें भी
मेरी तो धड़कनें भी
हिमांशु Kulshrestha
आज की जरूरत~
आज की जरूरत~
दिनेश एल० "जैहिंद"
Loading...