प्रेम अटूट है
प्रेम न टूटता है
न उसमें गाँठें पड़ती है
न उसमें जोड़ होता है,
वो सदा बेजोड़ होता है।
जो टूटा वो प्रेम नहीं
जो टूट गए वो प्रेम नहीं
वो होता झूठा नहीं,
अनन्त इतिहास में
प्रेम कभी टूटा नहीं।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
प्रेम न टूटता है
न उसमें गाँठें पड़ती है
न उसमें जोड़ होता है,
वो सदा बेजोड़ होता है।
जो टूटा वो प्रेम नहीं
जो टूट गए वो प्रेम नहीं
वो होता झूठा नहीं,
अनन्त इतिहास में
प्रेम कभी टूटा नहीं।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति