प्रशंसा
प्रशंसा जिसे हम हौंसला अफ़ज़ाई भी कहते हैं ,हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है ,प्रशंसा हमारे जीवन को उत्साह और उमंग से भरपूर हमारे जीवन को भी आनन्दमय बनाती है वसीं हमें हमारे जीवन में आगे बढ़ने और हमें बेहतर से बेहतर बनने में मदद करती है,वास्तव में प्रशंसा एक यकीन सै जो करने वाला प्रशंसा पाने वाले में आत्मविश्वास का संचार करता है इसके साथ ही ये वास्तविकता भी अपनी जगह है कि
प्रशंसा करना हर किसी के बस की बात नहीं है स्वस्थ मानसिकता और अच्छे भाव रखने वाला व्यक्ति ही किसी की प्रशंसा करने का साहस कर पाता है,संबंध चाहें कोई भी हो हर रिश्तें में प्रशंसा अपना महत्व रखती है इसलिए इसे कभी नज़र अंदाज़ न करें ,प्रशंसा रिश्तों को मधुर और मज़बूती प्रदान करती है उपरोक्त लेख में हम प्रशंसा के महत्व को समझने का प्रयास करेंगे-
* इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं की प्रशंसा जरूरी है जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने किए
के लिए ,आप माने या न माने, हर व्यक्ति अंदर से प्रशंसा का भूखा होता है सबको प्रशंसा चाहिए होती है।
* प्रशंसा नकारात्मकता को सकारात्मकता में परिवर्तित की भरपूर क्षमता रखती है।
* प्रशंसा व्यक्ति में उत्साह व ऊर्जा का संचार करती है। * प्रशंसा में बोले गये प्रेरक शब्द व्यक्ति के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
* अपनो की प्रशंसा और प्रोत्साहन हमें हमारे जीवन में सदैव आगे बढ़ने और सफलता की ऊंचाइयों को छूने और हमें प्रेरणा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
* वास्तव में प्रशंसा सकारात्मक मन से की जाने वाली एक ऐसी भाव प्रतिक्रिया है जो सामने वाले ही नहीं स्वयं आप के ऊपर भी अपना अच्छा प्रभाव छोड़ती है ।
* प्रशंसा हमारे अंदर छिपी हुई क्षमताओं को बाहर निकालने का कार्य भी बाखूबी करती है ।
* किसी की भी प्रशंसा हमेशा विस्तार से करें नपे तुले शब्दों में की जाने वाली प्रशंसा अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाती और वैसे भी ऐसी प्रशंसा से क्या लाभ जो केवल औपचारिकता मात्र हो ।
* प्रशंसा करना एक कला है और हर कोई इस कला में माहिर हो ये आवश्यक नहीं ।
* प्रशंसा से मन प्रफुलित हो जाता है जिसका स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पढ़ता है।
* प्रशंसा आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
*प्रशंसा एक उपहार है जिसे समय -समय पर एक दूसरे को देते रहना चाहिए।
* प्रशंसा आत्मसम्मान को बढ़ाती है और आत्मसम्मान,आत्मविश्वास को उत्पन्न करता है जो आपकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
*हमें अपने बच्चों की प्रशंसा करनी चाहिए और उन्हें सदैव आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ।
* यह बात अपनी जगह है कि वास्तविक प्रशंसा आपको प्रोत्साहन प्रदान करती है और अवास्तविक (झूठी) प्रशंसा आपकी प्रगति के बढ़ते मार्ग को रोकने का कार्य करती है ।
* हम अपने बच्चो उपलब्धियों पर ह्रदय से प्रशंसा करनी चाहिए और उन्हें सदैव आगे बढ़ते रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
* माता-पिता द्वारा बच्चों की प्रशंसा बच्चों को सफलता दिलाने ओर उन्हें आगे बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
* किसी की प्रशंसा करने में कभी कंजूसी न और न शर्म करें।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद