Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2024 · 1 min read

त्रिपुण्ड सममात्रिक दंडक

त्रिपुण्ड सममात्रिक दंडक
2 नगण, 7 भग्नण
1–उदाहरण —
111 111 211 211 211, 211 211 211 211
चरण कमल स्पर्श करूँ तव शंकर,
हे अवधूत महेश्वर पुष्कर l
अबढर शिव नाम जपूँ दिन रातन,
सागर पार करो शिव शंकर l
अजर अनघ पाप दहे जब शाश्वत,
हो किरपा तब हे शशिशेखर l
हुलस हुलस पूर्ण करूँ तव अर्चन,
नाम अनाम सदा शिव वृषधर ll

सुख दुख सब में भज लें शिव शंकर,
पाप प्रलाप सभी जल प्लावन l
बहुत कठिन सागर की लहरें जब,
बाँह प्रलंब सदा शिव थामन l
बरस बरस सावन सा सरसे मन,
नाम महेश सदा सरसावन l
डगर डगर में शिव चर्चित कारक,
भांग धतूर सदा शिव सावन l

2–उदाहरण —
111 111 211 211 211, 211 211 211 211

कठिन समय हे गणनाथ गणेशन,
नित्य कृपा करना गणनायक l
प्रतिदिन प्रभु पूजन होय निरंतर,
हाथ धरो सिर विघ्नविनाशक l
तुम अकल कला निर्णायक हो प्रभु,
दीनन पीर हरो सुखकारक l
अजर अमर रूप लिए प्रभु भूपति,
काम करो प्रभु सिद्धि विनायक ll

भुवनपति गदाधर धार्मिक सुंदर,
पाप हरो गिरिजासुत नंदन l
गुणन शुभम पुण्य प्रदाय मनोमय,
आसन धार सुनो मम क्रंदन l
विरल विकट मूर्त अरूप तुम्हीं प्रभु,
नित्य करूँ सुर साधन वंदन l
सरस सरल मानस है अति व्याकुल,
आज लगा मम मस्तक चंदन ll

सुशीला जोशी, विद्योत्तमा
9719260777

Language: Hindi
161 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

Win79 được thiết kế để mang đến trải nghiệm giải trí tuyệt v
Win79 được thiết kế để mang đến trải nghiệm giải trí tuyệt v
win79funinfo
यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
यूं तन्हाइयों को अपने अंदर समेटे रक्खा है मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
😢फिर वही😢
😢फिर वही😢
*प्रणय प्रभात*
प्रतिशोध
प्रतिशोध
Shyam Sundar Subramanian
कुछ राखो नाथ भंडारी
कुछ राखो नाथ भंडारी
C S Santoshi
दोहा
दोहा
seema sharma
मर्यादा पुरषोत्तम
मर्यादा पुरषोत्तम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
परिवार के बीच तारों सा टूट रहा हूं मैं।
राज वीर शर्मा
जिंदगी की किताब में ,
जिंदगी की किताब में ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
''न मैं जीता न वो हारी ''
''न मैं जीता न वो हारी ''
Ladduu1023 ladduuuuu
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
बातें कितनी प्यारी प्यारी...
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
नास्तिकता
नास्तिकता
मनोज कर्ण
Bong88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín hàng đầu châu Á
Bong88 là nền tảng cá cược trực tuyến uy tín hàng đầu châu Á
Bong88
ऐसी आभा ऐसी कांति,
ऐसी आभा ऐसी कांति,
श्याम सांवरा
" वाह री दुनिया "
Dr. Kishan tandon kranti
नन्ही भिखारन!
नन्ही भिखारन!
कविता झा ‘गीत’
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
मैं लिखूं अपनी विरह वेदना।
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*बे मौत मरता  जा रहा है आदमी*
*बे मौत मरता जा रहा है आदमी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसी प्रथा ..?
कैसी प्रथा ..?
पं अंजू पांडेय अश्रु
स्त्री को
स्त्री को
Dr fauzia Naseem shad
एकता की शक्ति
एकता की शक्ति
Sunil Maheshwari
रंग
रंग
आशा शैली
मुक्ताहरा सवैया
मुक्ताहरा सवैया
Kamini Mishra
आज है बेबस हर इन्सान।
आज है बेबस हर इन्सान।
श्रीकृष्ण शुक्ल
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
हम जो थोड़े से टेढ़े हो रहे हैं
Manoj Mahato
शृंगार छंद और विधाएँ
शृंगार छंद और विधाएँ
Subhash Singhai
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
आओ जलाएं
आओ जलाएं
भगवती पारीक 'मनु'
3376⚘ *पूर्णिका* ⚘
3376⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरी कुंडलियाँ ( समीक्षा )
मेरी कुंडलियाँ ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Loading...