“प्रतिष्ठा”
“प्रतिष्ठा”
‘प्रतिष्ठा’ विश्व सुन्दरी की तरह अत्यन्त खूबसूरत होती है। यह बहुत मुश्किल से अर्जित होती है। लेकिन जिनके पास यह रहती है, जमाने में उनके दुश्मन पैदा करती है।
– डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति