Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2024 · 1 min read

सिंदूर 🌹

सिंदूर :

तू बन जाना मेरी मांग का सिन्दूर
में तेरे हाथो की घड़ी बन जाउंगी
जी भर के अपनी आँखे सेकना
तुम पल पल मुझे यू ही देखना
तेरे गम बहेंगे मेरी आँखों से
में तेरे होठो की हंसी बन मुस्कुराऊगी..
तेरे चेहरे मे मेरा नूर होगा,
फिर तू कभी ना मुझसे दूर होगा,
सिंदूर का रंग भरे ही लाल होगा,
जिंदगी मे खुशियां अपरंपार होगा
सोच क्या ख़ुशी मिलेगी यार मुझे उस पल,
जिस पल मेरी मांग मे तेरे नाम का सिंदूर होगा ll

रंजीत कुमार पात्रे
कोटा बिलासपुर

1 Like · 62 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विवाह रचाने वाले बंदर / MUSAFIR BAITHA
विवाह रचाने वाले बंदर / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
जिन्दगी से भला इतना क्यूँ खौफ़ खाते हैं
Shweta Soni
समाज सेवक पुर्वज
समाज सेवक पुर्वज
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
"विश्वास का दायरा"
Dr. Kishan tandon kranti
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
छुपा है सदियों का दर्द दिल के अंदर कैसा
VINOD CHAUHAN
दोस्त और दोस्ती
दोस्त और दोस्ती
Neeraj Agarwal
जय हिन्द वाले
जय हिन्द वाले
Shekhar Chandra Mitra
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
किस दौड़ का हिस्सा बनाना चाहते हो।
Sanjay ' शून्य'
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
जिंदगी उधार की, रास्ते पर आ गई है
Smriti Singh
*हिंदी दिवस*
*हिंदी दिवस*
Atul Mishra
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
कंटक जीवन पथ के राही
कंटक जीवन पथ के राही
AJAY AMITABH SUMAN
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर
*Author प्रणय प्रभात*
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
स्थाई- कहो सुनो और गुनों
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
7. तेरी याद
7. तेरी याद
Rajeev Dutta
मानवीय संवेदना बनी रहे
मानवीय संवेदना बनी रहे
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
" जलचर प्राणी "
Dr Meenu Poonia
अकेला खुदको पाता हूँ.
अकेला खुदको पाता हूँ.
Naushaba Suriya
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
हल्की हल्की सी हंसी ,साफ इशारा भी नहीं!
Vishal babu (vishu)
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
मोहक हरियाली
मोहक हरियाली
Surya Barman
उम्मीद -ए- दिल
उम्मीद -ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
वो जहां
वो जहां
हिमांशु Kulshrestha
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
2510.पूर्णिका
2510.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
Loading...