प्यार के पंछी
शीर्षक – प्यार के पंछी
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मानव जीवन में प्यार के पंछी है।
बस सोच हमारी अपनी होती हैं।
लालच और स्वार्थ फरेब रखते हैं।
प्यार के पंछी मन भाव रहते हैं।
सभी के मन प्यार के पंछी है।
सच तो प्यार के पंछी मन होते हैं।
चाहत और नजरों में प्यार के पंछी है।
हां सच प्यार के पंछी हमारे मन है।
मन की चंचलता में प्यार के पंछी होते हैं।
दिल में खुशी में प्यार के पंछी बसते हैं।
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नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र