पूरी उम्र बिता देते हैं पिता
पूरी उम्र बिता देते हैं पिता
——————————
पूरी उम्र बिता देते हैं पिता,
बच्चों के अरमान पूरे करने में।
थकते नहीं कभी कदम,
परिवार को सुख देने में!
इसी तरह पूरी उम्र बिता
देते हैं पिता —–
सभी दुख,दर्द,पीड़ा हंस कर ,
सह जाते हैं।
कोई भी विपदा आती बच्चों पर,
पिता मौत को भी हरा देते।
पूरी उम्र यूं ही बिता देते हैं पिता—-
अटल चट्टान सा होकर,
जज्बे का तूफान लिए
जिद पूरी करना बच्चों की!
यही एक अरमान लिए,
पूरी उम्र बिता देते हैं पिता—
मीठी सी आवाज में,
प्यार छिपा रहता है!
उनमें हिम्मत का सागर बहता है।।
पूरी उम्र संघर्षं में,
बिता देते हैं पिता——-
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर