पुरूष
पिता, पति,भाई, बेटा का कर्मठ रूप है।
वो पुरुष हैं।
जिम्मेदारियों के साथ कर्तव्य निभाता, मेहनत,दर्द सहता ।
वो पुरुष हैं।
दुनियाँ में पहले वो उत्पादक वाले स्वरूप है ।
वो पुरुष हैं।
जन्म से अहमियत (महत्त्व ) रखता हैं।
वो पुरुष हैं।
समाज में,घर में प्रमुख हैं।
वो पुरुष हैं।
99% पुरुष चालाकी समझते हैं।
चाहत, चालाकी के साथ,
तेवर लिए खड़े हैं।
चाहे वो पिता, भाई या हो पति
सबकी अपनी है कमाई ।
ये बात ही सच हैं।
घर में वर्चस्व हैं ।_ डॉ. सीमा कुमारी, बिहार (भागलपुर )
दिनांक-18-1-022की स्वरचित रचना जिसे प्रकाशित कर रही हूं।