पिया – मिलन
नैनों में लगा के काजल,
अधरों पर सजा मुस्कान।
पिया-मिलन को चली झूमती,
मैं गौरी अल्हड़, नादान।।
चंदा सा है रूप सलोना,
“कंचन” सी है काया।
मेंहदी रची हथेलियों में,
लिखा पिया का नाम।।
पिया-मिलन को………!!!
संग हवा लहराये लँहगा,
उड़-उड़ जाये चुनरी।
घबराये मन, फिसल न जाऊँ,
प्रेम-डगर अनजान।।
पिया-मिलन को……!!!
दिनांक : १६/०४/२०१८.