पिता ही मेरी खुशी
पिता ही मेरी खुशी
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जीवन की हर खुशी तुमसे है,
साज और आवाज भी तुमसे है।
मां के माथे की बिंदिया का नूर,
तुमसे ही चमकता है।
जीवन की हर खुशी तुमसे है—-
बचपन की यादें धूप,छांव की
तरह है होती!
जिसमें परिंदो सी उड़ान है होती,
आसमान की तरह होतें है पिता?
चांद,तारों की तरह जिसका ,
साया है होता।।
जीवन की हर खुशी तुमसे है—-
संसार में बहुत होते हैं साथ में,
जो हर सुख, दुख में साथ है—
वो!होते हैं पिता,
धीरज रखते धरा सा!
ऊंचाई है गगन सी!!!!
जीवन की हर खुशी ,
तुमसे है पिता ——–
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर