पहरा देते पापा
पहरा देते पापा
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वतन पर पहरा देते,
रक्षा जन-जन की करते।
तब हम सब चैन से सोते,
अपनी कोई फिक्र नहीं–
मेरे प्यारे पापा को।
देश पर पहरा देते पापा—-
मातृभूमि की रक्षा करना,
अपना सारा सुख भूल कर!
डटे रहते सरहद पर,
भारत के शेर हे कहलाते।
मेरे बहादुर पापा,
देश पे पहरा देते पापा —–
में चाहती हूं ,जब भी में जन्म ,
धरा पर लूं।
बस!आप ही मेरे पापा हो,
आप पर बेटी को नाज बहुत है!
आप ही मेरी शान हो,
आप ही मेरा अभिमान हो!!!
देश की रक्षा करते पापा —–
सुषमा सिंह *उर्मि,,
कानपुर