Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2024 · 1 min read

“पसीने से”

“पसीने से”
पसीने से भीगा हुआ सिक्का संसार की सबसे सुन्दरतम वस्तु है।

1 Like · 1 Comment · 14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
सांसे केवल आपके जीवित होने की सूचक है जबकि तुम्हारे स्वर्णिम
Rj Anand Prajapati
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
Suryakant Dwivedi
2843.*पूर्णिका*
2843.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रेलयात्रा- एक यादगार सफ़र
रेलयात्रा- एक यादगार सफ़र
Mukesh Kumar Sonkar
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
"तू ठहरा सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नानी का गांव
नानी का गांव
साहित्य गौरव
Budhape ki lathi samjhi
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
रोटी का कद्र वहां है जहां भूख बहुत ज्यादा है ll
Ranjeet kumar patre
उन्नति का जन्मदिन
उन्नति का जन्मदिन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
खुद को कभी न बदले
खुद को कभी न बदले
Dr fauzia Naseem shad
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
शेखर सिंह
सबके राम
सबके राम
Sandeep Pande
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
#एक_और_बरसी
#एक_और_बरसी
*Author प्रणय प्रभात*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
*भिन्नात्मक उत्कर्ष*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
Radhakishan R. Mundhra
खाली मन...... एक सच
खाली मन...... एक सच
Neeraj Agarwal
रमेशराज के समसामयिक गीत
रमेशराज के समसामयिक गीत
कवि रमेशराज
प्यार है,पावन भी है ।
प्यार है,पावन भी है ।
Dr. Man Mohan Krishna
✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
अकेला गया था मैं
अकेला गया था मैं
Surinder blackpen
नहीं है प्रेम जीवन में
नहीं है प्रेम जीवन में
आनंद प्रवीण
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
जीवन में जब संस्कारों का हो जाता है अंत
प्रेमदास वसु सुरेखा
हो भासा विग्यानी।
हो भासा विग्यानी।
Acharya Rama Nand Mandal
*अंजनी के लाल*
*अंजनी के लाल*
Shashi kala vyas
दिल से निकले हाय
दिल से निकले हाय
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
Loading...