Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2020 · 2 min read

परमात्मा पिता हैं तो प्रकृति हमारी माँ हैं!!

अगर परमात्मा हमारे पिता हैं तो प्रकृति हमारी माँ हैं .दुनिया में जब बच्चे का जनम होता हैं तो सबसे पहले उसका मिलन उसकी माँ से होता हैं ,फिर माँ उसे अपने पिता से परिचित कराती हैं .उसी तरह जैसे जैसे हम प्रकृति के समीप होते जाते हैं ,हम परमपिता के करीब भी होते जाते हैं . साधक जब परमपिता की तरफ अपने कदम बढ़ता हैं तो सबसे पहले वह प्रकृति के करीब आता हैं .चाद ,तारे ,हवा ,धुप पेड़ पौधे सभी उसके मित्र और गुरु बन जाते हैं .सभी उसकी इस अभूतपूर्व यात्रा के सहायक बन जाते हैं. भगवान में मिलने से पहले भीतर भगवता आनी जरुरी हैं . और यह भगवता तुम्हे कोई और नहीं सीखता बल्कि प्रकृति खुद सीखाती हैं ।
भ – भूमि तुम्हे भार को धरना सीखती हैं .गंभीर बनो , भीतर धर्य धरो ।
ग – गगन तुम्हे विस्तृत होना सीखता हैं ,विशाल बनने की सीख देता हैं ।
व -वायु तुम्हे बहना सीखता हैं . चाहे कोई भी परिस्तिथि हो तुम सदैव हलके रहो बहते रहो .कोई चयन मत बनायो अगर तुम संत हो तो साधको और शैतानो दोनों के बीच एक सामान ही रहो .।
आ -अग्नि हर बुरे भाव ,विचार और बीती हुए बातो को भुला या जला देने की सीख देता हैं .अग्नि का गुण हैं की उसकी लौ सदैव उपर की तरफ ही जलती हैं .यह लौ तुम्हे हर पल परमपिता की तरफ बढ़ने की सीख देती हैं ।
न – नीर -नीर तुम्हे क्या सीख देता हैं ? पानी हर परिस्तिथि में बहता रहता हैं समुद्र से मिलने के लिए .उसके रास्ते में बड़े बड़े पत्थर आये या नीचे पथरीली जमीन हो ,वह फ़िक्र नहीं करता बस बहता जाता हैं .यानि एक साधक के जीवन में भी उसकी परिस्तिथिया कठिन होंगी ही ..पथरीली होंगी ही पर उसे बहते जाना हैं।

Language: Hindi
327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जाति-पाति देखे नहीं,
जाति-पाति देखे नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*कहर  है हीरा*
*कहर है हीरा*
Kshma Urmila
एक साँझ
एक साँझ
Dr.Pratibha Prakash
#विषय --रक्षा बंधन
#विषय --रक्षा बंधन
rekha mohan
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
🌺प्रेम कौतुक-191🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"राखी"
Dr. Kishan tandon kranti
👗कैना👗
👗कैना👗
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
दोस्ती
दोस्ती
राजेश बन्छोर
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
कहें किसे क्या आजकल, सब मर्जी के मीत ।
sushil sarna
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
अच्छाई ऐसी क्या है तुझमें
gurudeenverma198
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
मैं जी रहीं हूँ, क्योंकि अभी चंद साँसे शेष है।
लक्ष्मी सिंह
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
बुढ़ाते बालों के पक्ष में / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
लिखू आ लोक सँ जुड़ब सीखू, परंच याद रहय कखनो किनको आहत नहिं कर
लिखू आ लोक सँ जुड़ब सीखू, परंच याद रहय कखनो किनको आहत नहिं कर
DrLakshman Jha Parimal
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
तेरी पल पल राह निहारु मैं,श्याम तू आने का नहीं लेता नाम, लगत
Vandna thakur
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर
नूरफातिमा खातून नूरी
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
जीवन चक्र
जीवन चक्र
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
राष्ट्रीय किसान दिवस
राष्ट्रीय किसान दिवस
Akash Yadav
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
*अपना-अपना दृष्टिकोण ही, न्यायाधीश सुनाएगा (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
स्वार्थवश या आपदा में
स्वार्थवश या आपदा में
*Author प्रणय प्रभात*
भ्रम नेता का
भ्रम नेता का
Sanjay ' शून्य'
वन  मोर  नचे  घन  शोर  करे, जब  चातक दादुर  गीत सुनावत।
वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
कृष्णकांत गुर्जर
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
दिल ये तो जानता हैं गुनाहगार कौन हैं,
Vishal babu (vishu)
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय
नाम:- प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
Pratibha Pandey
Charlie Chaplin truly said:
Charlie Chaplin truly said:
Vansh Agarwal
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
Shankar N aanjna
मर्द का दर्द
मर्द का दर्द
Anil chobisa
Loading...