“पत्र”
“पत्र”
छोटा सा कागज बिन पैर,
करता दुनिया भर की सैर।
सैकड़ों मील पार कर आया,
सात समन्दर भी तो तैर।
बता देता दिल खोल कर,
घर के सब लोगों की खैर।
सबका है यह संगी-साथी,
रखता नहीं किसी से बैर।
“पत्र”
छोटा सा कागज बिन पैर,
करता दुनिया भर की सैर।
सैकड़ों मील पार कर आया,
सात समन्दर भी तो तैर।
बता देता दिल खोल कर,
घर के सब लोगों की खैर।
सबका है यह संगी-साथी,
रखता नहीं किसी से बैर।