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18 May 2024 · 1 min read

लाल दशरथ के है आने वाले

ओ री सखी , जरा आँगन बुहारों
आँगन बुहारो , चलो दुगरा बुहारो
लाल दशरथ के है आने वाले
द्वार दीपों से तुम सजा लो ….
है खुशी की घड़ी , थी प्रतीक्षा बड़ी
कई वर्षों का सपना , पूरा होगा अभी
राम राजा बनेंगे , नजर तो उतारो
लाल दशरथ के है , आने वाले
द्वार दीपों से तुम सजा लो ….
है ये पावन घड़ी , सज रही है बड़ी
पुष्प दीपों से , अवध की गली पे गली
राम मय हो ये तन ,खुद को इतना सवारों
लाल दशरथ के है , आने वाले
द्वार दीपों से तुम सजा लो ….

नीरज मिश्रा “ नीर “ बरही मध्य प्रदेश

1 Like · 26 Views
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