“नए पुराने नाम”
बोलते होंगे शहर के लोग
बम्बई को मुम्बई,
कलकत्ता को कोलकाता
मद्रास को चेन्नई।
मगर हमारे यहाँ देहात में
बम्बई, कलकत्ता, मद्रास ही
अक्सर कहते हुए सुना है
लोगों को तमाम,
लिखते समय मुझे भी
याद आ जाते पुराने नाम।
चप्पे-चप्पे से पुराने नाम
अब लिप-पुत गए हैं
लेकिन इंसानी दिलों में
वो घर कर गए हैं।
-डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
असाधारण साहित्य सेवा हेतु
वर्ष 2022 के लिए
नेल्सन मंडेला ग्लोबल ब्रिलियंस अवार्ड प्राप्त।