देखिए आप आप सा हूँ मैं
ग़ज़ल
देखिए आप, आप-सा हूँ मैं
कुछ भला हूँ तो कुछ बुरा हूँ मैं
मुझमें आसानियाँ तलाश न कर
तेरी मंज़िल का रास्ता हूँ मैं
टूट सकता नहीं किसी सूरत
कितने लोगों का हौसला हूँ मैं
तुझको बे-ऐब देखना है मुझे
इसलिए ऐब देखता हूँ मैं
ये तो बाज़ार तय करेगा अब
खोटा सिक्का हूँ या खरा हूँ मैं
तुझको तन्हा दिखाई देता हूँ
पर हक़ीक़त है क़ाफ़िला हूँ मैं
मैं हूँ कड़वा ‘अनीस’ क्या कीजै
पीजिए आप बस दवा हूँ मैं
– अनीस शाह ‘अनीस ‘