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28 Jan 2024 · 1 min read

काशी

काशी विश्वनाथ की नगरी
मोक्षदायिनी गंगा की नगरी
घाट-घाट पे जहां है बसती
भोले बाबा के भक्तों की टोली

दिल को सुकून मिल जाता है
मन सबका प्रफुल्लित हो जाता है
गंगा माँ की गोद में आके
चिंता सब धूल जाता है

जीवन का एक तथ्य है
मृत्यु जीवन का सत्य है
शमशान है मणिकर्णिका
शवों को जहाँ जलाया जाता
मोक्ष मिल जाती उसको
इस धरा पर जिसको लाया जाता

Tag: Poem
1 Like · 72 Views
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