Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Dec 2021 · 1 min read

दूर जितना भी मुझसे जायेंगे।

गज़ल

2122………1212…….22
दूर जितना भी मुझसे जायेंगे।
आप नजदीक मुझको पायेंगे।

दूर जाकर के देखेगें मुड़ के,
दौड़ कर पास मेरे आयेंगे।

जंग और दुश्मनी में माहिर जो,
प्यार करना हमें सिखायेंगे।

अपनी फितरत है क्या करें इसको,
तुमको रोता न देख पायेंगे।

खेत खलिहान देश की पूंजी,
शान से हम इसे बढ़ाएंगे।

सारी दुनियां से खूबसूरत हो,
देश गुलशन सा हम खिलायेंगे।

प्यार से आयेगा अगर प्रेमी,
दिल में दुश्मन को भी बिठाएंगे।

……..✍️ प्रेमी

331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
"पुरानी तस्वीरें"
Lohit Tamta
शिक़ायत नहीं है
शिक़ायत नहीं है
Monika Arora
भूल ना था
भूल ना था
भरत कुमार सोलंकी
खालीपन
खालीपन
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*अवध  में  प्रभु  राम  पधारें है*
*अवध में प्रभु राम पधारें है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
किसान
किसान
Dp Gangwar
2857.*पूर्णिका*
2857.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अधरों को अपने
अधरों को अपने
Dr. Meenakshi Sharma
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
जय शिव-शंकर
जय शिव-शंकर
Anil Mishra Prahari
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
■ ख़ास दिन, ख़ास दोहा
*प्रणय प्रभात*
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
कभी खुश भी हो जाते हैं हम
कभी खुश भी हो जाते हैं हम
Shweta Soni
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
बड़ी होती है
बड़ी होती है
sushil sarna
माँ ही हैं संसार
माँ ही हैं संसार
Shyamsingh Lodhi Rajput (Tejpuriya)
Hallucination Of This Night
Hallucination Of This Night
Manisha Manjari
"" *तथता* "" ( महात्मा बुद्ध )
सुनीलानंद महंत
"एकता का पाठ"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*मेला (बाल कविता)*
*मेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
अधूरा प्रेम
अधूरा प्रेम
Mangilal 713
हर पिता को अपनी बेटी को,
हर पिता को अपनी बेटी को,
Shutisha Rajput
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
वक्त के शतरंज का प्यादा है आदमी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
दोस्ती...
दोस्ती...
Srishty Bansal
Loading...