दीवार , छत और जमीन
बड़ी खूबसूरती से बनाया घर तो
रिश्तों को बेबाक़ी से जीना
सिख पाते तो कोई बात थी ।।
उल्फत तो देखो
करामत तो देखो
यहां है दीवारें
वहां है दीवारें
इतनी दीवारें बनी छोटे से घर मे
रिश्तों मे दीवारें खड़ी हो गयी ।।
छत भी घर की माशाअल्लाह है ऊँची
बस ना जाने क्यू जमीन नीची रह गयी ।