Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।

दीपावाली- एक गज़ल

तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
बहुत मुबारक प्रियवर तुमको खुशियों भरी दिवाली हो।

दुख की धूप कभी न आए, खुशियों की बरसात रहे,
जीवन पथ पर रहे उजाला, गम की रात न काली हो।

मित्र पड़ोसी रिश्ते नाते सारा देश प्रफुल्लित हो,
नई उमंगें संबंधों में अरुणोदय की लाली हो।

करें लक्ष्मी का वंदन सब साथ गणेश विराजे हों,
शिव गौरा भी संग रहें तब महिमा और निराली हो।

प्रेम प्यार का बड़े उजाला दंभ द्वेश का नाश करें,
साथ रहें पंक्षी बन ‘प्रेमी’ गुंजित डाली डाली हो।

……. ✍️ सत्य कुमार प्रेमी

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आदि ब्रह्म है राम
आदि ब्रह्म है राम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
भुलाना ग़लतियाँ सबकी सबक पर याद रख लेना
आर.एस. 'प्रीतम'
*सर्दी (बाल कविता)*
*सर्दी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
विश्व कप
विश्व कप
Pratibha Pandey
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"नए सवेरे की खुशी" (The Joy of a New Morning)
Sidhartha Mishra
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
जब मैं मर जाऊं तो कफ़न के जगह किताबों में लपेट देना
Keshav kishor Kumar
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
दिल नहीं
दिल नहीं
Dr fauzia Naseem shad
अजब तमाशा जिन्दगी,
अजब तमाशा जिन्दगी,
sushil sarna
चार दिन की ज़िंदगी
चार दिन की ज़िंदगी
कार्तिक नितिन शर्मा
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
पूर्वार्थ
2555.पूर्णिका
2555.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा "ज़
*प्रणय प्रभात*
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
मोहब्बत में जीत कहां मिलती है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*
*"गौतम बुद्ध"*
Shashi kala vyas
टैडी बीयर
टैडी बीयर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
विजय कुमार अग्रवाल
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
यह मत
यह मत
Santosh Shrivastava
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
बना है राम का मंदिर, करो जयकार - अभिनंदन
Dr Archana Gupta
ज़ेहन से
ज़ेहन से
हिमांशु Kulshrestha
Loading...