Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2024 · 1 min read

दर्द से खुद को बेखबर करते ।

दर्द से खुद को बेखबर करते ।
ज़िन्दगी ख़्वाब में बसर करते ।।

तुमको मिलती न फिर कोई मंज़िल ।
इश्क़ में तुम अगर सफ़र करते ।।

ज़िक्र होता, कहीं बिछड़ने का ।
अपने दामन को अश्क़ – तर करते ।।

तर्क रिश्ता लगा मुनासिब सा ।
कितना खुद पे भी हम ज़बर करते ।।

दर्द से खुद को बेखबर करते ।
ज़िन्दगी ख़्वाब में बसर करते ।।

Dr fauzia Naseem shad

1 Like · 14 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

प्रकृति सुर और संगीत
प्रकृति सुर और संगीत
Ritu Asooja
बेहतर कल
बेहतर कल
Girija Arora
मैं खोया हूँ मयखाने में...
मैं खोया हूँ मयखाने में...
रमाकान्त पटेल
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
क़त्ल होंगे तमाम नज़रों से...!
पंकज परिंदा
राख का ढेर।
राख का ढेर।
Taj Mohammad
सफ़र
सफ़र
Kush Dogra
दीपावली
दीपावली
Dr Archana Gupta
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रकृति
प्रकृति
Seema Garg
#हम_तुम❣️
#हम_तुम❣️
Rituraj shivem verma
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
चलते हैं क्या - कुछ सोचकर...
Ajit Kumar "Karn"
शीर्षक -बिना आपके मांँ
शीर्षक -बिना आपके मांँ
Sushma Singh
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
हनुमत की भक्ति
हनुमत की भक्ति
Jalaj Dwivedi
मानव का मिजाज़
मानव का मिजाज़
डॉ. एकान्त नेगी
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
Ever heard the saying, *
Ever heard the saying, *"You are the average of the five peo
पूर्वार्थ
मुझको दिया गुलाब
मुझको दिया गुलाब
RAMESH SHARMA
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
वक्त से लड़कर अपनी तकदीर संवार रहा हूँ।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
gurudeenverma198
राखी
राखी
Sudhir srivastava
अनकहा
अनकहा
Madhu Shah
Natasha is my Name!
Natasha is my Name!
Natasha Stephen
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
..
..
*प्रणय*
3171.*पूर्णिका*
3171.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
*बात सही है खाली हाथों, दुनिया से सब जाऍंगे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
माता शारदा
माता शारदा
Rambali Mishra
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
हम कुछ इस तरह समाए हैं उसकी पहली नज़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...