सुकून में जिंदगी है मगर जिंदगी में सुकून कहां
"" *आओ करें कृष्ण चेतना का विकास* ""
देखिए रिश्ते जब ज़ब मजबूत होते है
*गॉंधी जी मानवतावादी, गॉंधी जी के उर में खादी (राधेश्यामी छं
वक्त खराब है तो देख नहीं पा रहे लड़खड़ाना मेरा
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़म से भरी इस दुनियां में, तू ही अकेला ग़म में नहीं,
ओलम्पिक खेल का उद्देश्य
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सिर्फ़ तुम्हें सुनाना चाहता हूँ
ज़िन्दगी में सफल नहीं बल्कि महान बनिए सफल बिजनेसमैन भी है,अभ