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24 Jan 2025 · 1 min read

"बेहतर"

“बेहतर”
बेहतर तो वही
चार दिन की जिन्दगी में
हजारों बरस जिए,
सदियों पे अधिकार न था
जीना चाहिए जैसा
हम तो वैसा ही जिए।

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