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4 Dec 2020 · 1 min read

दर्द बना है पैरहन मेरा

दर्द बना है पैरहन मेरा चेहरा फक्क रहता है
उसके ही ख़वाब बूनूंगा ऑंखें मुझ से कहता है

पलट कर देखने भर की फुर्सत नहीं जिसको
हाय ये दिल उसी के अक्स ए पहलू से लिपटा रहता है

नींद से ऑंखें बोझल हैं पर दौड़ ख़तम नहीं होती
यार के दहलीज का अक्सर खाक छाना करता है
~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
1 Like · 256 Views
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