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14 Sep 2024 · 1 min read

“दर्द के फूल”

“दर्द के फूल”
यहाँ दर्द के फूल खिलते हैं
और खिल के बिखर जाते हैं,
चन्द लम्हों का सफर नहीं
यूँ ना आँखें दो-चार कीजिए।

2 Likes · 2 Comments · 25 Views
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