Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

“दबंग झूठ”

“दबंग झूठ”
कौन कहता है
सत्य
सदा जीत जाता है,
कई मर्तबा देखा है मैंने
सत्य के सामने में
दबंग झूठ
बाजी मार ले जाता है।

8 Likes · 5 Comments · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
मदर्स डे (मातृत्व दिवस)
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
मेरे हिस्से में जितनी वफ़ा थी, मैंने लूटा दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
हंसें और हंसाएँ
हंसें और हंसाएँ
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
...
...
*प्रणय प्रभात*
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
आनंद से जियो और आनंद से जीने दो.
Piyush Goel
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
ऋतु शरद
ऋतु शरद
Sandeep Pande
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
वो ख़्वाहिशें जो सदियों तक, ज़हन में पलती हैं, अब शब्द बनकर, बस पन्नों पर बिखरा करती हैं।
Manisha Manjari
पाक दामन कौन है यहां ?
पाक दामन कौन है यहां ?
ओनिका सेतिया 'अनु '
है जरूरी हो रहे
है जरूरी हो रहे
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़म-ए-दिल....
ग़म-ए-दिल....
Aditya Prakash
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
उलझी हुई है ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ सँवार दे,
SHAMA PARVEEN
धिक्कार है धिक्कार है ...
धिक्कार है धिक्कार है ...
आर एस आघात
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
होली के हुड़दंग में ,
होली के हुड़दंग में ,
sushil sarna
एक चाय तो पी जाओ
एक चाय तो पी जाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*प्यार या एहसान*
*प्यार या एहसान*
Harminder Kaur
"" *तथता* "" ( महात्मा बुद्ध )
सुनीलानंद महंत
रंगमंच
रंगमंच
Ritu Asooja
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
फितरत
फितरत
Akshay patel
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
चालाकी कहां मिलती है मुझे भी बता दो,
चालाकी कहां मिलती है मुझे भी बता दो,
Shubham Pandey (S P)
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/76.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
गैरों की भीड़ में, अपनों को तलाशते थे, ख्वाबों के आसमां में,
पूर्वार्थ
Loading...