Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2018 · 1 min read

–तुम सामने बैठी रहो–

तुम सामने बैठी रहो मैं लिखता रहूँ।
तुम कुछ कहो मैं भी कुछ कहता रहूँ।।

हृदयतल में सुगंधी बनके बिखर जाओ।
मैं पुष्प बन सुंदर सुघर खिलता रहूँ।।

प्रभात-सूर्य-किरणों-सी सौंदर्य पूर्ण हो।
प्रेम – धूप में फलता- फूलता रहूँ।।

चन्द्र-सी हृदय-नभ में चमका कीजिए।
मैं चाँदनी पाता चंचलता रहूँ।।

कभी जगत् की भीड़ में खोना न भूल से।
मैं तेरी रुह में यूँ उतरता रहूँ।।

तुम हृदय के प्रथम और अंतिम अतिथि हो।
स्वागत उम्रभर ही मैं करता रहूँ।।

तुझे चाहकर किसी को न चाहूँ मैं कभी।
तेरे लिए ही जीता मरता रहूँ।।

राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
**********************
मात्राएँ…23—20

Language: Hindi
258 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
मरना बड़ी बात नही जीना बड़ी बात है....
_सुलेखा.
"छलनी"
Dr. Kishan tandon kranti
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
मोहब्बत बनी आफत
मोहब्बत बनी आफत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आत्मा की आवाज
आत्मा की आवाज
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
“परिंदे की अभिलाषा”
“परिंदे की अभिलाषा”
DrLakshman Jha Parimal
होश खो देते जो जवानी में
होश खो देते जो जवानी में
Dr Archana Gupta
नग मंजुल मन भावे
नग मंजुल मन भावे
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
सूखी टहनियों को सजा कर
सूखी टहनियों को सजा कर
Harminder Kaur
हे मनुज श्रेष्ठ
हे मनुज श्रेष्ठ
Dr.Pratibha Prakash
छंद
छंद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
हे ईश्वर किसी की इतनी भी परीक्षा न लें
Gouri tiwari
जब आओगे तुम मिलने
जब आओगे तुम मिलने
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
नेता का अभिनय बड़ा, यह नौटंकीबाज(कुंडलिया )
नेता का अभिनय बड़ा, यह नौटंकीबाज(कुंडलिया )
Ravi Prakash
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
सद् गणतंत्र सु दिवस मनाएं
Pt. Brajesh Kumar Nayak
धर्म निरपेक्षता
धर्म निरपेक्षता
ओनिका सेतिया 'अनु '
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
दुष्यन्त 'बाबा'
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
Ranjeet kumar Shukla
रेल दुर्घटना
रेल दुर्घटना
Shekhar Chandra Mitra
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
अगर महोब्बत बेपनाह हो किसी से
शेखर सिंह
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
😊गर्व की बात😊
😊गर्व की बात😊
*Author प्रणय प्रभात*
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
*शिकायतें तो बहुत सी है इस जिंदगी से ,परंतु चुप चाप मौन रहकर
Shashi kala vyas
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बखान सका है कौन
बखान सका है कौन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...