तन्हाई अब कातिल हो गई है
ये तन्हाई अब कातिल हो गई
कि अब मेरे लिए मुश्किल हो गई है
तुम ख्वाबों में अब आते हो इतने
कि गमगीं दिल की महफ़िल हो गई है
तेरी दुरी की मज़बूरी भारी पड़े हैं
मगर छुट्टी मिलने की हासिल हो गई है
तेरी यादों में मैं टूटा तड़प कर
तेरी यादें भी संगदिल हो गई हैं
खुले आँखें तो अब रहो सामने तुम
बेसब्र आँखें तुम्हारे काबिल हो गई हैं
@आनंद बिहारी