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14 Apr 2024 · 1 min read

ढाई अक्षर वालों ने

एक दिलजला आशिक बड़बड़ाने लगा- ढाई अक्षर वालों ने जीना हराम कर दिया। ‘प्रेम’ के चक्कर में बर्बाद हो गया। सारा कामकाज छोड़कर कविता लिखने लगा। बावजूद वो मिले नहीं।

और अब ?

इस ढाई अक्षर के ‘प्याज’ को देखो ना, मैं हर रोज इसके बारे में लिख रहा, फिर भी मेरी थाली में आने को तैयार नहीं।

शुक्र है खुदा का ‘प्यास’ बुझाने के लिए अभी पानी है। मगर दुनिया की हालत देखकर पता नहीं वो भी आखिर कब तक?

प्रकाशित लघुकथा संग्रह :
‘मन की आँखें’ (दलहा, भाग-1) से,,,
लघुकथाएँ “दलहा, भाग 1 से 7” में संकलित है।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
सुदीर्घ एवं अप्रतिम साहित्य सेवा के लिए
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 111 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
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