Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2021 · 1 min read

जीवन

जीवन सतत चलता है
यही कहते सुनते आ रही हूँ
पर ऐसा क्या हैं जीवन में
जो न चाहते हुए भी कोई
जीना चाहता है बड़े लुत्फ़ के साथ
कोई मौत को गले लगाते हैं
क्या जीवन दुखो से पूर्ण है
या फिर खुशियों भरा सा हैं
जीवन आखिर है क्या..?
क्यो कोई खोना चाहता है..?
क्यो कोई इसको पाना..?
क्या जीवन पर प्यार भारी नही
क्या जीवन सतत नही..?
आखिर जीवन चाहता क्या है
मेरी खुशियां सब की खुशियां
या फिर बस ढोना हैं अंतिम सांस तक
ओर ढोना हैं तो !ये दुख क्या..?
सुख की परिभाषा क्या..?
क्यो फिर बार बार लौट आना होता हैं
इसी जीवन चक्र में बार बार
शरीर में फिर से मैं को लेकर
आखिर क्या है जीवन..?
दुख है या सुख
स्थिर या चलायमान..?

Language: Hindi
1 Like · 519 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
मुक्तक
मुक्तक
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
अन्नदाता,तू परेशान क्यों है...?
मनोज कर्ण
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
आर.एस. 'प्रीतम'
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
रात के अंधेरों से सीखा हूं मैं ।
★ IPS KAMAL THAKUR ★
हम सब में एक बात है
हम सब में एक बात है
Yash mehra
खुद पर ही
खुद पर ही
Dr fauzia Naseem shad
यह जिंदगी का सवाल है
यह जिंदगी का सवाल है
gurudeenverma198
कविता -
कविता - "करवा चौथ का उपहार"
Anand Sharma
उनसे  बिछड़ कर
उनसे बिछड़ कर
श्याम सिंह बिष्ट
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
VINOD CHAUHAN
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
हो सकता है कि अपनी खुशी के लिए कभी कभी कुछ प्राप्त करने की ज
Paras Nath Jha
आख़िरी मुलाकात !
आख़िरी मुलाकात !
The_dk_poetry
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
तुम्हारा एक दिन..…........एक सोच
Neeraj Agarwal
मजे की बात है
मजे की बात है
Rohit yadav
हर इंसान लगाता दांव
हर इंसान लगाता दांव
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
जिंदगी का ये,गुणा-भाग लगा लो ll
गुप्तरत्न
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2799. *पूर्णिका*
2799. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गिलहरी
गिलहरी
Satish Srijan
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
राम की रहमत
राम की रहमत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गीत गाऊ
गीत गाऊ
Kushal Patel
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
रिश्ते , प्रेम , दोस्ती , लगाव ये दो तरफ़ा हों ऐसा कोई नियम
Seema Verma
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
अन्हारक दीप
अन्हारक दीप
Acharya Rama Nand Mandal
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
शक्कर में ही घोलिए,
शक्कर में ही घोलिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
"रंग वही लगाओ रे"
Dr. Kishan tandon kranti
बाल कविता: चूहा
बाल कविता: चूहा
Rajesh Kumar Arjun
Loading...