Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Apr 2024 · 1 min read

रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी

रिश्तों में बेबुनियाद दरार न आने दो कभी
जिंदगी दो ही पल की है मुस्कुराने दो अभी
रूठना मनाना यूँ ही चलता रहे चलने भी दो
दो घड़ी ही सही अपनों संग मुस्कुरा लो सभी

1 Like · 18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all
You may also like:
एक साँझ
एक साँझ
Dr.Pratibha Prakash
ससुराल का परिचय
ससुराल का परिचय
Seema gupta,Alwar
फिर पर्दा क्यूँ है?
फिर पर्दा क्यूँ है?
Pratibha Pandey
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"महान ज्योतिबा"
Dr. Kishan tandon kranti
नेता अफ़सर बाबुओं,
नेता अफ़सर बाबुओं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विश्व पुस्तक दिवस पर
विश्व पुस्तक दिवस पर
Mohan Pandey
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
ज़माने की निगाहों से कैसे तुझपे एतबार करु।
Phool gufran
"मैं" एहसास ऐ!
Harminder Kaur
जिये
जिये
विजय कुमार नामदेव
@ खोज @
@ खोज @
Prashant Tiwari
"प्यार में तेरे "
Pushpraj Anant
एकदम सुलझे मेरे सुविचार..✍️🫡💯
एकदम सुलझे मेरे सुविचार..✍️🫡💯
Ms.Ankit Halke jha
*हिंदी दिवस*
*हिंदी दिवस*
Atul Mishra
सच्चा धर्म
सच्चा धर्म
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
ज़िंदगी ख़त्म थोड़ी
Dr fauzia Naseem shad
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Kahi pass akar ,ek dusre ko hmesha ke liye jan kar, hum dono
Sakshi Tripathi
2499.पूर्णिका
2499.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
पिया मिलन की आस
पिया मिलन की आस
Kanchan Khanna
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
तेरा कंधे पे सर रखकर - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
कुछ लिखा हैं तुम्हारे लिए, तुम सुन पाओगी क्या
Writer_ermkumar
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तसल्ली मुझे जीने की,
तसल्ली मुझे जीने की,
Vishal babu (vishu)
*समय अच्छा अगर हो तो, खुशी कुछ खास मत करना (मुक्तक)*
*समय अच्छा अगर हो तो, खुशी कुछ खास मत करना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
*खादिम*
*खादिम*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
मन की इच्छा मन पहचाने
मन की इच्छा मन पहचाने
Suryakant Dwivedi
■ आज की बात
■ आज की बात
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...