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8 Mar 2024 · 1 min read

शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।

शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
सिद्धि बांटे जगत में, स्वयं रहे निष्काम।।
प्रभु गुरुओं के हो गुरु, देवों के हो देव।
कालों के हो काल, कहते सब महादेव।।
समदर्शी सब हेतु हो, राक्षस हो या देव।
सकल जगत गावत फिरत, हर हर हर महादेव।।
ॐ ओंकाराय नमः

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