Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Mar 2023 · 1 min read

■ लघुकथा / लेनदार

#लघुकथा
■ चंपत हुई मुसीबत
【प्रणय प्रभात】
बाज़ार में भटकते रामदयाल को बहुत दिनों से बाबूलाल की तलाश थी। उससे उधार दिए हुए दस हज़ार रुपए जो वसूलने थे उसे। बीते तीन महीनों के लॉकडाउन ने वैसे ही कड़कनाथ बना रखा था रामदयाल को। एक दिन अचानक उसकी आँखों में चमक सी आ गई।
उसने देखा कि उसका कर्जदार बाबूलाल सामने से चला आ रहा है। पास आते ही दोनों की नज़रें मिलीं। लेनदार को सामने देख हक्का-बक्का बाबूलाल ने अचानक मुंह पर लगे मास्क पर मुट्ठी लगा कर ज़ोर-ज़ोर से खाँसना चालू कर दिया। तक़ाज़े के शब्द बेचारे रामदयाल के गले में ही घुट कर रह गए। उसने वायरस के डर से तुरंत कन्नी काट कर बग़ल से गुज़र जाने में ही ख़ैर समझी।
दूसरी ओर शातिर बाबूलाल कोरोना को मन ही मन धन्यवाद देता जा रहा था। जिसके वायरस ने उसे लेनदार की खरी-खोटी से पल भर में छुटकारा दिला दिया था। मन ही मन मुस्कुराते बाबूलाल ने पलट कर देखा तो पाया कि संक्रमण से डरा हुआ रामदयाल चंपत हो चुका था।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
■ प्रणय प्रभात ■
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
हो भविष्य में जो होना हो, डर की डर से क्यूं ही डरूं मैं।
Sanjay ' शून्य'
“मृदुलता”
“मृदुलता”
DrLakshman Jha Parimal
मैं तुलसी तेरे आँगन की
मैं तुलसी तेरे आँगन की
Shashi kala vyas
24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/225. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नागिन
नागिन
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
#धवल_पक्ष
#धवल_पक्ष
*Author प्रणय प्रभात*
भूल गया कैसे तू हमको
भूल गया कैसे तू हमको
gurudeenverma198
❤️एक अबोध बालक ❤️
❤️एक अबोध बालक ❤️
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अक्सर आकर दस्तक देती
अक्सर आकर दस्तक देती
Satish Srijan
अभिनय से लूटी वाहवाही
अभिनय से लूटी वाहवाही
Nasib Sabharwal
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
वृक्षारोपण का अर्थ केवल पौधे को रोपित करना ही नहीं बल्कि उसक
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
मौसम नहीं बदलते हैं मन बदलना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
"अपने हक के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
नया साल
नया साल
Arvina
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
चूहा भी इसलिए मरता है
चूहा भी इसलिए मरता है
शेखर सिंह
जर्जर है कानून व्यवस्था,
जर्जर है कानून व्यवस्था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
तुमको कुछ दे नहीं सकूँगी
Shweta Soni
జయ శ్రీ రామ...
జయ శ్రీ రామ...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
कभी पथभ्रमित न हो,पथर्भिष्टी को देखकर।
कभी पथभ्रमित न हो,पथर्भिष्टी को देखकर।
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - १)
Kanchan Khanna
due to some reason or  excuses we keep busy in our life but
due to some reason or excuses we keep busy in our life but
पूर्वार्थ
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
*फल (बाल कविता)*
*फल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
फिर एक बार 💓
फिर एक बार 💓
Pallavi Rani
"व्यर्थ सलाह "
Yogendra Chaturwedi
💐प्रेम कौतुक-318💐
💐प्रेम कौतुक-318💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...