जिंदगी
जिंदगी में, अटखेलियां बहुत हैं
सुलझाते रहो पहेलियां बहुत हैं
खुशियों को आमंत्रित करो ज़रा
इच्छाओं को नियंत्रित करो ज़रा
हौंसलों को बुलन्द करके जिओ
इस जीवन से द्वंद करके जिओ
चित चिंतन से आजाद हो जाओ
सच में ही प्यारे आवाद हो जाओ
– कवि आजाद मंडौरी