Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

छुअन

मैं चिड़िया -सा पेड़ पर बैठा
मैंने धरती गगन को देखा
गगन सुनील फैला दूर तक
धरा की हर हरी थी रेखा ।

शीतल पवन पुचकार रहा था
सूर्य करों से दुलार रहा था
नहीं था पेड़ पर एक भी पत्ता
वह अपना ठूंठ निहार रहा था ।

पूछा यह क्या हालत बना ली
ना कोई कोंपल ना कोई डाली
जब से अपनी छाया हटा ली
भीतर बाहर से हो गया खाली
अब नहीं कोई पक्षी आता
अब नहीं कोई पक्षी गाता
मेरे लिए सब और सन्नाटा
करूं क्या समझ नहीं आता।

मैंने जब छू लिया प्यार से
शाखें नम हो गई ओस से।
थामा उसने मुझे जोश से
मैंने उसे दिया दिलासा।

Language: Hindi
250 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Santosh Khanna (world record holder)
View all
You may also like:
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
दर्द व्यक्ति को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती है और साथ ही मे
Rj Anand Prajapati
स्वप्न बेचकर  सभी का
स्वप्न बेचकर सभी का
महेश चन्द्र त्रिपाठी
हर हर महादेव की गूंज है।
हर हर महादेव की गूंज है।
Neeraj Agarwal
■ आज की ग़ज़ल
■ आज की ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
चैन से जिंदगी
चैन से जिंदगी
Basant Bhagawan Roy
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
हंसवाहिनी दो मुझे, बस इतना वरदान।
Jatashankar Prajapati
लोकसभा बसंती चोला,
लोकसभा बसंती चोला,
SPK Sachin Lodhi
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
अमर शहीद स्वामी श्रद्धानंद
कवि रमेशराज
दीवाली
दीवाली
Mukesh Kumar Sonkar
तुझे नेकियों के मुँह से
तुझे नेकियों के मुँह से
Shweta Soni
जो गर्मी शीत वर्षा में भी सातों दिन कमाता था।
जो गर्मी शीत वर्षा में भी सातों दिन कमाता था।
सत्य कुमार प्रेमी
सच तो यह है
सच तो यह है
Dr fauzia Naseem shad
2997.*पूर्णिका*
2997.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
मैं खाना खाकर तुमसे चैट करूँगा ।
Dr. Man Mohan Krishna
मायने रखता है
मायने रखता है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
*छोड़ी पशु-हिंसा प्रथा, अग्रसेन जी धन्य (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*सुख या खुशी*
*सुख या खुशी*
Shashi kala vyas
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
दूर तक आ गए मुश्किल लग रही है वापसी
गुप्तरत्न
हुनर
हुनर
अखिलेश 'अखिल'
" *लम्हों में सिमटी जिंदगी* ""
सुनीलानंद महंत
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
पग न अब पीछे मुड़ेंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
काम-क्रोध-मद-मोह को, कब त्यागे इंसान
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"खिड़की"
Dr. Kishan tandon kranti
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
चंदन माँ पन्ना की कल्पनाएँ
Anil chobisa
Loading...