Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jan 2024 · 1 min read

पग न अब पीछे मुड़ेंगे…

कस कमर जो चल पड़े हैं,
पग न वे पीछे मुड़ेंगे।

तुम जियो आजाद होकर,
अब न तुम पर भार हूँ मैं।
कर्म अपने साथ लेकर,
जी रही अधिकार हूँ मैं।
अब कभी जो हम मिले तो
तार क्या मन के जुड़ेंगे ?

रह हमारे साथ कुछ पल,
जो किए अहसान तुमने।
मोल चुकता कर दिया सब,
दे तुम्हें हर मान हमने।
साध अब गंतव्य अपना,
नित्य हम ऊँचें उड़ेंगे।

झेल ले सब यातनाएँ,
हो असर वो साधना में।
ध्वस्त कर दे चाल जग की,
हो दुआ वो प्रार्थना में।
गह चरण प्रभु राम के मन,
ताप सब वे ही हरेंगे।

रास्ते उतने खुलेंगे,
बंद जितने द्वार होंगे।
डगमगा ले नाव कितनी,
हम यकीनन पार होंगे।
थाम ली पतवार जिनकी,
तार उन सबको तरेंगे।

जिंदगी संघर्ष है तो,
फल मधुर मिलता इसी से।
रश्मियाँ रवि की प्रखर ये,
मन-कमल खिलता इसी से।
चीर देंगे हर तमस हम,
मौत को हँसकर वरेंगे।

पग न अब पीछे मुड़ेंगे।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )

Language: Hindi
1 Like · 74 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
व्यथित ह्रदय
व्यथित ह्रदय
कवि अनिल कुमार पँचोली
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
*लगे जो प्रश्न सच, उस प्रश्न को उत्तर से हल देना 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
जो गिर गिर कर उठ जाते है, जो मुश्किल से न घबराते है,
अनूप अम्बर
रक्षक या भक्षक
रक्षक या भक्षक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मेरा अभिमान
मेरा अभिमान
Aman Sinha
अबला नारी
अबला नारी
Buddha Prakash
"वक्त वक्त की बात"
Pushpraj Anant
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
दस्तक बनकर आ जाओ
दस्तक बनकर आ जाओ
Satish Srijan
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
घर में यदि हम शेर बन के रहते हैं तो बीबी दुर्गा बनकर रहेगी औ
Ranjeet kumar patre
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
ऊपर बैठा नील गगन में भाग्य सभी का लिखता है
Anil Mishra Prahari
माँ शेरावली है आनेवाली
माँ शेरावली है आनेवाली
Basant Bhagawan Roy
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
Shivkumar Bilagrami
दीपावली
दीपावली
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
दुनिया के हर क्षेत्र में व्यक्ति जब समभाव एवं सहनशीलता से सा
Raju Gajbhiye
जिंदगी में.....
जिंदगी में.....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
रमेशराज की कहमुकरियां
रमेशराज की कहमुकरियां
कवि रमेशराज
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
LOVE-LORN !
LOVE-LORN !
Ahtesham Ahmad
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
रिश्तों को साधने में बहुत टूटते रहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
■ आज ही बताया एक महाज्ञानी ने। 😊😊
*Author प्रणय प्रभात*
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
है कश्मकश - इधर भी - उधर भी
Atul "Krishn"
मन का कारागार
मन का कारागार
Pooja Singh
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD CHAUHAN
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
🧑‍🎓My life simple life🧑‍⚖️
Ms.Ankit Halke jha
2836. *पूर्णिका*
2836. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
భారత దేశ వీరుల్లారా
భారత దేశ వీరుల్లారా
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
रंगमंच
रंगमंच
लक्ष्मी सिंह
Loading...