चाय (Tea)
22- हिन्दी दोहा–चाय महिमा
आव भगत में आजकल ,प्रचलन अब दिखलाय |
#राना बातें बाद में , पहले आए चाय ||
आता कोई गेह पर , करता है जलपान |
#राना पीकर चाय ही , करता है प्रस्थान ||
चाय पान #राना बना , इस युग में बलवान |
बिगड़ी बातें हल करे , काम लगे आसान ||
खाली बातें कीजिए , #राना लगता सून |
लेकर चुस्की चाय की , बातें होती दून ||
सम्मुख आते चाय ही, #राना प्रकटे नेह |
लोंग लायची पान से , मन का महके गेह ।।
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
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