Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2023 · 1 min read

चँचल हिरनी

चँचल हिरनी

मेरे मन के शांत जलाशय से,
ओ! वन की स्वच्छंद चँचल हिरनी
तूने नीर-पान करके-
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
मैं शांत रहा हूँ सदियों से,
यूँ ही एकांत का वासी हूँ,
मैं देश छोड़ कर दूर वसा,
मैं तो एक अप्रवासी हूँ।
मेरे एकांतवास को भंग किया,
तुमने अपना परिचय देकर,
मेरे शांत अप्रवास को तोड़ने की
तुमने आज पहल कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
कोई फल पाने की वाञ्छा से
तप, योग, साधना में रत था,
संसार निरर्थक लगता था,
हर एक कामना से विरत था।
तुम वरदान हमारे तप का हो,
शायद ये ही फल चाहा था;
तप मेरा टूट गया अब तो,
मैंने तेरी कामना है कर ली;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
तुम कनक-हरिन की भांति दिखे,
आखेट को मैं राघव सा चला,
पर तुम माया थे मन्मथ के,
इस रहस्य से मैं अन्जान रहा;
मैं रोक सका न निज मन को,
मेरे मन के राघव की-
सीता को छल, तू चल दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।
तुम कुसुम सरोज सरोवर के,
मैं भोला मधुप हूँ बेचारा,
तुम कारागार बने मेरी,
तेरे कर्षण में मैं गया मारा;
ये रंज नहीं, अब अजीवित हूँ,
अभिमान मुझे अब इसका है,
कि तेरे यौवन-रस की गगरी भी,
मैंने पराग से, ख़ाली कर दी;
शांत सरोवर के जल में
ये कैसी उथल-पुथल कर दी।

(c)@ दीपक कुमार श्रीवास्तव “नील पदम्”

Language: Hindi
8 Likes · 6 Comments · 468 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
View all
You may also like:
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
दफ़न हो गई मेरी ख्वाहिशे जाने कितने ही रिवाजों मैं,l
गुप्तरत्न
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
अब युद्ध भी मेरा, विजय भी मेरी, निर्बलताओं को जयघोष सुनाना था।
Manisha Manjari
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
*आई गंगा स्वर्ग से, चमत्कार का काम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
नन्हे बाल गोपाल के पाच्छे मैया यशोदा दौड़ लगाये.....
Ram Babu Mandal
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
BUTTERFLIES
BUTTERFLIES
Dhriti Mishra
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
मैं इंकलाब यहाँ पर ला दूँगा
Dr. Man Mohan Krishna
नदी
नदी
नूरफातिमा खातून नूरी
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
जन्मदिन मुबारक तुम्हें लाड़ली
gurudeenverma198
!! एक ख्याल !!
!! एक ख्याल !!
Swara Kumari arya
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
Vishal babu (vishu)
बापू के संजय
बापू के संजय
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"सहर देना"
Dr. Kishan tandon kranti
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
आदमी हैं जी
आदमी हैं जी
Neeraj Agarwal
हिसका (छोटी कहानी) / मुसाफ़िर बैठा
हिसका (छोटी कहानी) / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
“इंडिया अगेनेस्ट करप्शन”
*Author प्रणय प्रभात*
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
ख्वाबों से निकल कर कहां जाओगे
VINOD CHAUHAN
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
*सिर्फ तीन व्यभिचारियों का बस एक वैचारिक जुआ था।
Sanjay ' शून्य'
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
वर्तमान गठबंधन राजनीति के समीकरण - एक मंथन
Shyam Sundar Subramanian
हम तुम्हें लिखना
हम तुम्हें लिखना
Dr fauzia Naseem shad
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
कुछ हाथ भी ना आया
कुछ हाथ भी ना आया
Dalveer Singh
तुम्हें प्यार करते हैं
तुम्हें प्यार करते हैं
Mukesh Kumar Sonkar
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
चूरचूर क्यों ना कर चुकी हो दुनिया,आज तूं ख़ुद से वादा कर ले
Nilesh Premyogi
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
--जो फेमस होता है, वो रूखसत हो जाता है --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...