“झील शांत है” एक साधारण से उत्सुक मन के अंदर पनप रहे विचारों के कविता की कोपलों के साथ पनपने की प्रक्रिया और एक कवि के जन्म लेने का साक्षात्कार... Read more
“झील शांत है” एक साधारण से उत्सुक मन के अंदर पनप रहे विचारों के कविता की कोपलों के साथ पनपने की प्रक्रिया और एक कवि के जन्म लेने का साक्षात्कार है। इस प्रक्रिया के दौरान किस प्रकार कविता और एक कवि विकसित होते हैं ये इन कविताओं में प्रत्यक्ष दिख जाएगा। “नील पदम्” की कविताओं में दर्शन और प्रेम के तत्व सहज ही समाहित होते हैं, परन्तु फिर भी किसी प्रकार की सीमा से मुक्त इन कविताओं में आपको अपने मन की कही-सुनी जैसी अनुभूति होगी। जीवन के लगभग हर प्रसंग पर छींटें मारती इन कविताओं के भावों को वैसे तो मुख्यतया छंदों के बंधनों से मुक्त रखा गया है परन्तु फिर भी इनमें गेयता के तत्व विराजमान मिलेंगे।