घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
चुगलों की बात मानके कई हस्तियां जली
रावण का अहं ना रहा ना कंस का रहा
पानी में रही तैरती कई कस्तियां जली
कृष्णकांत गुर्जर
घर जला दिए किसी की बस्तियां जली
चुगलों की बात मानके कई हस्तियां जली
रावण का अहं ना रहा ना कंस का रहा
पानी में रही तैरती कई कस्तियां जली
कृष्णकांत गुर्जर