गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी…
हवा-सी यार है ये ज़िंदगी जाने कहाँ जाए।
करो हर काम ख़ुश होकर असर क़िस्मत वहाँ पाए।।
तुम्हारी चाह माया है ज़रूरत ज़िंदगी समझो।
जहाँ हों प्यार ख़ुशियों के ज़ुदा पल दोस्त घर समझो।
सदाक़त आपकी दिल में नफ़ासत की सदा लाए।
करो हर काम ख़ुश होकर असर क़िस्मत वहाँ पाए।।
जहाँ में दौर बदलेगा लगाओ ज़ोर कितना भी।
मिली चोटी उसे मैदान तय कर शोर कितना भी।
उड़ा आकाश में उल्टा ज़मीं पर वो यकीं आए।
करो हर काम ख़ुश होकर असर क़िस्मत वहाँ पाए।।
मिलेगा बल करोगे छल तुम्हारी भूल है प्यारे।
चले जो भी बुरी ले सोच देखा है सदा हारे।
भलाई से भलाई हो यही किस्से सुने छाए।
करो हर काम ख़ुश होकर असर क़िस्मत वहाँ पाए।।
आर. एस. ‘प्रीतम’
शब्दार्थ- सदाक़त- सच्चाई, नफ़ासत- सुंदरता