Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2021 · 1 min read

गीत लबों पर सजा लूं , फिर चले जाना

गीत लबों पर सजा लूं , फिर चले जाना

गीत लबों पर सजा लूं, फिर चले जाना
चंद लम्हे तुझ संग बिता लूं , फिर चले जाना

नज़रों में तेरी डूब लूं मैं , फिर चले जाना
लबों के तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना

बाहों को तेरी थाम लूं मैं , फिर चले जाना
कुछ पल बाहों में बिता लूं , फिर चले जाना

कुछ पल तेरी जुल्फ़ें सवारूँ , फिर चले जाना
माथे को तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना

आहिस्ता – आहिस्ता तेरे करीब आ लूं , फिर चले जाना
दूरियां कुछ पल मिटा लूं , फिर चले जाना

तेरी मुहब्बत में खुद को मजनू कर लूं , फिर चले जाना
तेरी मुस्कान को अपनी अमानत कर लूं , फिर चले जाना

खुशनुमा यादों का कारवाँ सजा लूं , फिर चले जाना
मुहब्बत के खुदा को खुद से मिला दूं , फिर चले जाना

दर्द दिल का मैं मिटा लूं , फिर चले जाना
तुझको मैं तुझसे मिला दूं , फिर चले जाना

गीत लबों पर सजा लूं, फिर चले जाना
चंद लम्हे तुझ संग बिता लूं , फिर चले जाना

नज़रों में तेरी डूब लूं मैं , फिर चले जाना
लबों के तेरे चूम लूं मैं , फिर चले जाना

1 Like · 168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
बस तेरे हुस्न के चर्चे वो सुबो कार बहुत हैं ।
Phool gufran
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
विषय--विजयी विश्व तिरंगा
रेखा कापसे
मजदूर दिवस पर विशेष
मजदूर दिवस पर विशेष
Harminder Kaur
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
बिना बकरे वाली ईद आप सबको मुबारक़ हो।
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
"श्रृंगारिका"
Ekta chitrangini
इश्क़—ए—काशी
इश्क़—ए—काशी
Astuti Kumari
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
सौन्दर्य के मक़बूल, इश्क़! तुम क्या जानो प्रिय ?
Varun Singh Gautam
We all have our own unique paths,
We all have our own unique paths,
पूर्वार्थ
Yesterday ? Night
Yesterday ? Night
Otteri Selvakumar
मार्केटिंग फंडा
मार्केटिंग फंडा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सागर ने भी नदी को बुलाया
सागर ने भी नदी को बुलाया
Anil Mishra Prahari
अधीर मन खड़ा हुआ  कक्ष,
अधीर मन खड़ा हुआ कक्ष,
Nanki Patre
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
ग़म कड़वे पर हैं दवा, पीकर करो इलाज़।
आर.एस. 'प्रीतम'
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
अजीब सी बेताबी है
अजीब सी बेताबी है
शेखर सिंह
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
💐प्रेम कौतुक-536💐
💐प्रेम कौतुक-536💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
आप अपने मन को नियंत्रित करना सीख जाइए,
Mukul Koushik
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
हैवानियत के पाँव नहीं होते!
Atul "Krishn"
Kavita
Kavita
shahab uddin shah kannauji
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
राजनीति का नाटक
राजनीति का नाटक
Shyam Sundar Subramanian
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
■आज पता चला■
■आज पता चला■
*Author प्रणय प्रभात*
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
वायु प्रदूषण रहित बनाओ
Buddha Prakash
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
ना तुमसे बिछड़ने का गम है......
Ashish shukla
सायलेंट किलर
सायलेंट किलर
Dr MusafiR BaithA
खंडकाव्य
खंडकाव्य
Suryakant Dwivedi
Loading...