Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jul 2023 · 1 min read

■आज पता चला■

■आज पता चला■

“प्रतीक अधिनियम” में
“इंडिया” तो आता है,
“राष्ट्रीय पुष्प” नहों।।
🙅जय लोकतंत्र🙅

■प्रणय प्रभात■

1 Like · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह तो होता है दौर जिंदगी का
यह तो होता है दौर जिंदगी का
gurudeenverma198
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस।
Satyaveer vaishnav
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
औरों की तरह हर्फ़ नहीं हैं अपना;
manjula chauhan
फूल कुदरत का उपहार
फूल कुदरत का उपहार
Harish Chandra Pande
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
* नव जागरण *
* नव जागरण *
surenderpal vaidya
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
"प्यासा"प्यासा ही चला, मिटा न मन का प्यास ।
Vijay kumar Pandey
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
जब हमें तुमसे मोहब्बत ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
एक और द्रौपदी (अंतःकरण झकझोरती कहानी)
दुष्यन्त 'बाबा'
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
ओकरा गेलाक बाद हँसैके बाहाना चलि जाइ छै
गजेन्द्र गजुर ( Gajendra Gajur )
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
"लिहाज"
Dr. Kishan tandon kranti
"कूँचे गरीब के"
Ekta chitrangini
फूल खुशबू देते है _
फूल खुशबू देते है _
Rajesh vyas
2556.पूर्णिका
2556.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
मै पूर्ण विवेक से कह सकता हूँ
शेखर सिंह
देश हमारा
देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कवि होश में रहें / MUSAFIR BAITHA
कवि होश में रहें / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
Sukoon
💐प्रेम कौतुक-237💐
💐प्रेम कौतुक-237💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
विमला महरिया मौज
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
जो
जो "अपने" का नहीं हुआ,
*Author प्रणय प्रभात*
*तुष्टीकरण : पाँच दोहे*
*तुष्टीकरण : पाँच दोहे*
Ravi Prakash
फूलों की तरह मुस्कराते रहिए जनाब
फूलों की तरह मुस्कराते रहिए जनाब
shabina. Naaz
Loading...