Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2023 · 1 min read

Kavita

तू मुक़द्दस है मेरे लिये
ज़िन्दगी तुझ को सलाम

अस्सलामो अलैकुम! !
दिल नशीँ राम! राम!

उन्स है इन्सान हूँ
है अमन अपना पयाम

फ़र्क क्यो पड़ता है यारो
चन्द्र हो या चान्द नाम

है सनातन शाशवत् जब
और यही पूर्ण विराम!!

आयतेँ हों श्लोक हो या
संस्तुति उसका ।ही गान

आराधना तेरा करम है
स्वीकारना उसका है काम

सत्य के साथी बनो तुम
झूठ के ना जाओ धाम

उसके सिवा दुनिया में क्या
सुबहा क्या और क्या है शाम

है समन्दर जैसे ठहरा
है हदों में आसमां

ये हवाये जैसे शीतल
बूंदो का ये कारवां

अग्नि पावक जैसे पावन
आकाश भित्ती का मक़ाम

मेरा मन उसको पुकारे
लम्हा लम्हा गाम गाम

अस्सलामोअलैकुम
दिल नशीं है राम राम!

शहाबुद्दीन”क़न्नौजी

Language: Hindi
95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
कैलाश मानसरोवर यात्रा (पुस्तक समीक्षा)
Ravi Prakash
"जब रास्ते पर पत्थरों के ढेर पड़े हो, तब सड़क नियमों का पालन
Dushyant Kumar
#हिंदी_ग़ज़ल
#हिंदी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
🌷🙏जय श्री राधे कृष्णा🙏🌷
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सच तो हम और आप ,
सच तो हम और आप ,
Neeraj Agarwal
श्री गणेश का अर्थ
श्री गणेश का अर्थ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-268💐
💐प्रेम कौतुक-268💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
बस्ती जलते हाथ में खंजर देखा है,
ज़ैद बलियावी
बुद्ध भगवन्
बुद्ध भगवन्
Buddha Prakash
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
मैं दौड़ता रहा तमाम उम्र
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कानून लचर हो जहाँ,
कानून लचर हो जहाँ,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
********* बुद्धि  शुद्धि  के दोहे *********
********* बुद्धि शुद्धि के दोहे *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अब नहीं पाना तुम्हें
अब नहीं पाना तुम्हें
Saraswati Bajpai
समझा दिया है वक़्त ने
समझा दिया है वक़्त ने
Dr fauzia Naseem shad
जिन्दगी के हर सफे को ...
जिन्दगी के हर सफे को ...
Bodhisatva kastooriya
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
खाने को पैसे नहीं,
खाने को पैसे नहीं,
Kanchan Khanna
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
तुम्हारा घर से चला जाना
तुम्हारा घर से चला जाना
Dheerja Sharma
देश में क्या हो रहा है?
देश में क्या हो रहा है?
Acharya Rama Nand Mandal
We all have our own unique paths,
We all have our own unique paths,
पूर्वार्थ
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
हम हिंदुस्तानियों की पहचान है हिंदी।
Ujjwal kumar
ससुराल गेंदा फूल
ससुराल गेंदा फूल
Seema gupta,Alwar
मैं ढूंढता हूं जिसे
मैं ढूंढता हूं जिसे
Surinder blackpen
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3317.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
Loading...