Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2022 · 2 min read

“गांव से दूर”

जब मार्च-जून महीने में, मन के एहसास बदलते हैं।
जब मध्याह्न पीपल के नीचे, सर-सर तेज हवा की धुन सुनाई देती हैं।
जब दूर खड़ी दोपहरीया, झिलमिल-झिलमिल करती हैं।
जब धूल फांकती तेज हवाएं, लू बनकर चलती हैं।
जब दोपहर तेज धूप में, सब पलकें दबाकर चलते हैं।
जब बाबा के मृदुल ध्वनि, मेरे कानों में पड़ते हैं।
जब छोटे-छोटे आंखों में, सपने बड़े सजते हैं।
जब गांव की यादें तूफान बनकर सीने में उठते हैं।
तब गांव से दूर रहना दुश्वारी लगता है••••••
आस लगा सीने मे मरना भी भारी लगता है।

जब दूर-दूर दृश्य, धूल-धूल दिखाई देते हैं।
जब आग उगलती धरती पर,लोग पांव बचाकर चलते हैं।
जब धूप में छांव राहगीर कहीं तलाशते हैं।
जब प्यास बुझाने को लेकर खेतो में पानी जाते हैं।
जब खेत-खलिहानों में पहरे लगायें जाते हैं।
जब शाम ढले छाया छत से,गलियों मे देर से आते हैं।
जब एक जुबान पर बाबा के,साथ दूर चले जाते है।
जब अपना हर मन चाहा काम अधबना लगता हैं।
तब गांव से दूर रहना दुश्वारी लगता है••••••
आस लगा सीने मे मरना भी भारी लगता है।

जब दूर दराज़ं इलाकों से, माता की चोटी दिखते हैं।
जब कोयल की कूक सुन, कुछ प्रश्न मन में उठते हैं।
जब झुंड बनाकर बच्चे घर से कोलाहल करके निकलते हैं।
जब फागुन में जगह-जगह, चौतार गाएं जाते है।
जब ढोल, मजीरा, फगुंवा गाते, धूल उड़ा ये जाते हैं।
जब दोपहर बाद देवालयों में गुलाल चढ़ा ये जाते हैं।
जब मेरे गांव(गंभीरवन)की होली, बरसाने से लगती हैं।
तब मेरे काव्य प्रतिभा का, स्वरुप निखरने लगते हैं।
तब गांव से दूर रहना दुश्वारी लगता है••••••
आस लगा सीने मे मरना भी भारी लगता है।।

वर्षा (एक काव्य संग्रह)से/ राकेश चौरसिया

Language: Hindi
1 Like · 451 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राकेश चौरसिया
View all

You may also like these posts

#लिख_के_रख_लो।
#लिख_के_रख_लो।
*प्रणय प्रभात*
देश को समझें अपना
देश को समझें अपना
अरशद रसूल बदायूंनी
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
दोहा
दोहा
Raj kumar
घूँघट के पार
घूँघट के पार
लक्ष्मी सिंह
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
50….behr-e-hindi Mutqaarib musaddas mahzuuf
sushil yadav
भावो का भूखा
भावो का भूखा
ललकार भारद्वाज
प्यार
प्यार
Rambali Mishra
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
‘मंज़र’ इश्क़ में शहीद है
Shreedhar
sp44 आपका आना माना है
sp44 आपका आना माना है
Manoj Shrivastava
इतनी मसरूफ़ियत नहीं अच्छी
इतनी मसरूफ़ियत नहीं अच्छी
Dr fauzia Naseem shad
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
लोग क्या कहेंगे
लोग क्या कहेंगे
Mansi Kadam
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
*बातें कुछ लच्छेदार करो, खुश रहो मुस्कुराना सीखो (राधेश्यामी
Ravi Prakash
virginia reckless driving ticket out of state
virginia reckless driving ticket out of state
Ramura Mura
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
साजन तुम आ जाना...
साजन तुम आ जाना...
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिस नई सुबह ने
जिस नई सुबह ने
PRADYUMNA AROTHIYA
4451.*पूर्णिका*
4451.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पुराना तजो जी, नवल को भजो जी,
पुराना तजो जी, नवल को भजो जी,
Neelam Sharma
प्रार्थना
प्रार्थना
राकेश पाठक कठारा
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
तुमने मेरा कहा सुना ही नहीं
Dr Archana Gupta
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
नशीहतें आज भी बहुत देते हैं जमाने में रहने की
शिव प्रताप लोधी
If
If
सिद्धार्थ गोरखपुरी
सबके राम
सबके राम
Sudhir srivastava
गीत
गीत
Shiva Awasthi
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
Raju Gajbhiye
"काला पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
धीरे धीरे अंतस का
धीरे धीरे अंतस का
हिमांशु Kulshrestha
हृदय
हृदय
अनिल मिश्र
Loading...