Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 May 2024 · 1 min read

ग़म के सागर में

किस्तियो का
लहराना खलता है
मन रूपी सागर में

उथल पुथल मच जाती है
दर्द होता है विचारों में

यूं ही रैना बीत जाती है
विचारों के भवसागर में

फंस कर उधेड़बुन में
यूं ही यादों का जिक्र होना

स्वाभाविक है दर्द होता है
तिनके ज्यों बिखर जाता है

मन अशांति की ओर चला जाता है
दोनों के मिलन में खलल पैदा होना

डगमग मन भावो के चक्रव्यूह में फंसकर
आत्मविश्वास गँवा बैठता है।

Language: Hindi
1 Like · 16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from SATPAL CHAUHAN
View all
You may also like:
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
गीतिका-
गीतिका-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
नकारात्मक लोगो से हमेशा दूर रहना चाहिए
शेखर सिंह
भूला नहीं हूँ मैं अभी भी
भूला नहीं हूँ मैं अभी भी
gurudeenverma198
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
प्रेम की परिभाषा क्या है
प्रेम की परिभाषा क्या है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारी वफा
हमारी वफा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
होती नहीं अराधना, सोए सोए यार।
Manoj Mahato
'I love the town, where I grew..'
'I love the town, where I grew..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
मेरी ज़िंदगी की खुशियां
Dr fauzia Naseem shad
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
Ek ladki udas hoti hai
Ek ladki udas hoti hai
Sakshi Tripathi
I Can Cut All The Strings Attached
I Can Cut All The Strings Attached
Manisha Manjari
दीप में कोई ज्योति रखना
दीप में कोई ज्योति रखना
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
बेरहमी
बेरहमी
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
ग़ज़ल/नज़्म - आज़ मेरे हाथों और पैरों में ये कम्पन सा क्यूँ है
अनिल कुमार
गौ माता...!!
गौ माता...!!
Ravi Betulwala
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
मुहब्बत कुछ इस कदर, हमसे बातें करती है…
Anand Kumar
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
SC/ST HELPLINE NUMBER 14566
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
घर की रानी
घर की रानी
Kanchan Khanna
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
परिसर खेल का हो या दिल का,
परिसर खेल का हो या दिल का,
पूर्वार्थ
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
वस्तु काल्पनिक छोड़कर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नौ वर्ष(नव वर्ष)
नौ वर्ष(नव वर्ष)
Satish Srijan
दलित समुदाय।
दलित समुदाय।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
Loading...