Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

हमारी वफा

हमसे नजरे चुरा कर कब तक छिप पाओगे,
कभी न कभी तुम आईने के सामने आओगे,
हो सकता है कि तुम्हें न दिखे बेरुखी तुम्हारी,
हमारी वफाओं को तुम कभी न भूल पाओगे।

✍️ लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा

31 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
#लघुकथा / #न्यूज़
#लघुकथा / #न्यूज़
*प्रणय प्रभात*
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
आया पर्व पुनीत....
आया पर्व पुनीत....
डॉ.सीमा अग्रवाल
देख स्वप्न सी उर्वशी,
देख स्वप्न सी उर्वशी,
sushil sarna
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सबसे नालायक बेटा
सबसे नालायक बेटा
आकांक्षा राय
शृंगार छंद
शृंगार छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/05.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
जिसका इन्तजार हो उसका दीदार हो जाए,
डी. के. निवातिया
लत / MUSAFIR BAITHA
लत / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
डर
डर
अखिलेश 'अखिल'
इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
संस्कारी बड़ी - बड़ी बातें करना अच्छी बात है, इनको जीवन में
Lokesh Sharma
"शाम की प्रतीक्षा में"
Ekta chitrangini
"इतिहास"
Dr. Kishan tandon kranti
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
हिंदी मेरी राष्ट्र की भाषा जग में सबसे न्यारी है
SHAMA PARVEEN
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
जिसको चाहा है उम्र भर हमने..
Shweta Soni
चाहत के ज़ख्म
चाहत के ज़ख्म
Surinder blackpen
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
बहुत याद आती है
बहुत याद आती है
नन्दलाल सुथार "राही"
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
कभी वैरागी ज़हन, हर पड़ाव से विरक्त किया करती है।
Manisha Manjari
जमाना है
जमाना है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
किस लिए पास चले आए अदा किसकी थी
किस लिए पास चले आए अदा किसकी थी
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
गया राजपद प्रभु हर्षाए : कुछ चौपाइयॉं
गया राजपद प्रभु हर्षाए : कुछ चौपाइयॉं
Ravi Prakash
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
मनमोहिनी प्रकृति, क़ी गोद मे ज़ा ब़सा हैं।
कार्तिक नितिन शर्मा
Loading...