Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Sep 2019 · 1 min read

खामोश बस्ती

खामोश बस्ती में,
बनी कब्र से आवाज आई,
आसपास बनी झुग्गी झोपड़ी थराई।
मुझे अनायास लाया कौन?
मेरे दर्द को जाने कौन?
फरिश्ते बोले,
अरे कमबख्त!
जिसके लिए खुद भूखा रहकर,
एक एक निवाला जोड़कर,
मिल्कियत बनाई।
वहीं भीड़ लेकर,
तुझे दफनाने आई।
नारायण अहिरवार
अंशु कवि
सेमरी हरचंद होशंगाबाद
मध्य प्रदेश

Language: Hindi
4 Likes · 2 Comments · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जहाँ से आये हो
जहाँ से आये हो
Dr fauzia Naseem shad
सोच
सोच
Neeraj Agarwal
इश्क़ में रहम अब मुमकिन नहीं
इश्क़ में रहम अब मुमकिन नहीं
Anjani Kumar
मेरी दुनियाँ.....
मेरी दुनियाँ.....
Naushaba Suriya
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
*जब से हुआ चिकनगुनिया है, नर्क समझ लो आया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
एक मुस्कान के साथ फूल ले आते हो तुम,
Kanchan Alok Malu
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Hum tumhari giraft se khud ko azad kaise kar le,
Sakshi Tripathi
💐प्रेम कौतुक-293💐
💐प्रेम कौतुक-293💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चाह ले....
चाह ले....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
साल ये अतीत के,,,,
साल ये अतीत के,,,,
Shweta Soni
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
इश्क हम उम्र हो ये जरूरी तो नहीं,
शेखर सिंह
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
वर्ल्डकप-2023 सुर्खियां
दुष्यन्त 'बाबा'
"बुलबुला"
Dr. Kishan tandon kranti
पागल
पागल
Sushil chauhan
फकीरी/दीवानों की हस्ती
फकीरी/दीवानों की हस्ती
लक्ष्मी सिंह
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
न जागने की जिद भी अच्छी है हुजूर, मोल आखिर कौन लेगा राह की द
Sanjay ' शून्य'
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
सीख ना पाए पढ़के उन्हें हम
The_dk_poetry
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
बेदर्दी मौसम दर्द क्या जाने ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
खाक मुझको भी होना है
खाक मुझको भी होना है
VINOD CHAUHAN
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
ये मानसिकता हा गलत आये के मोर ददा बबा मन‌ साग भाजी बेचत रहिन
PK Pappu Patel
" सुन‌ सको तो सुनों "
Aarti sirsat
आशा
आशा
नवीन जोशी 'नवल'
■ आज की बात....!
■ आज की बात....!
*Author प्रणय प्रभात*
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
ओ परबत  के मूल निवासी
ओ परबत के मूल निवासी
AJAY AMITABH SUMAN
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
छोटी छोटी खुशियों से भी जीवन में सुख का अक्षय संचार होता है।
Dr MusafiR BaithA
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
Loading...